अलवर: 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ने का फैसला? किसने लिया?
अलवर में 300 साल पुराना मंदिर किसके आदेश पर तोड़ा गया ? क्या ये फैसला राजगढ़ नगरपालिका का था, या फिर जिला प्रशासन ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है? दोनों ही संस्थाएं इसका जवाब न में दे रही है. राजस्थान में चुनाव से पहले मंदिर पर चले बुलडोजर की इस घटना से राज्य का सियासी तापमान गरमा गया है.
राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव है. इस चुनाव से पहले अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़े जाने को लेकर राज्य की राजनीति में तूफान खड़ा हो चुका है. बीजेपी इस मंदिर को तोड़े जाने पर आग बबूला है, और बीजेपी पर हिन्दुओं की भावनाओं को कुचलने का आरोप लगाया है. जबकि कांग्रेस का आरोप है कि अलवर में मंदिर तोड़ने का फैसला उस नगरपालिका ने लिया है जहां बीजेपी प्रचंड बहुमत में हैं. अलवर के जिस राजगढ़ शहर में 300 साल पुराना मंदिर तोड़ा गया है वहां की नगर पालिका में 34 सदस्य बीजेपी के हैं और एक सदस्य कांग्रेस का है. अलवर में मंदिर टूटने की कहानी समझने और कांग्रेस बीजेपी के आरोपों में कितना दम है..
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